नर्मदा नदी के बारे में संपूर्ण जानकारी


नर्मदा नदी की जानकारी
नर्मदा नदी


  • नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है तथा धार्मिक आधार पर मध्यप्रदेश की गंगा कहा जाता है नर्मदा भारत की पांचवीं सबसे बड़ी नदी है जिसकी कुल लंबाई 13 12 किलोमीटर तथा मध्यप्रदेश में इसकी लंबाई 1077 किलोमीटर है नर्मदा नदी का अपवाह तंत्र 93180 वर्ग किलोमीटर है संपूर्ण नर्मदा बेसिन का 89.9% भाग मध्य प्रदेश में है नर्मदा नदी अनूपपुर जिले में मैकल पर्वत श्रेणी की अमरकंटक पहाड़ी पर स्थित नर्मदा कौन से निकलती है और कम बात की खाड़ी में चोरी बनाते हुए गिर जाती है यह नदी मध्य प्रदेश महाराष्ट्र एवं गुजरात में भर्ती हैं यह नदी महाराष्ट्र एवं गुजरात की सीमा रेखा बनाती हैं नर्मदा नदी का अपवाह प्रतिरूप वृक्षा प्रणाली वाला है इस नदी को मुख्यतः भूगोलवेत्ता टालिमी ने नाम तालीमी ने नामो दास कहा है इसके अन्य प्रमुख नामों में रेवा सुमो देवी एवं मेकलसूता आदि प्रमुख हैं नर्मदा की कुल 41 सहायक नदियां हैं 22 नदियां बाई ओर से 19 दाई ओर से नर्मदा में मिलती हैं इस की सहायक नदियां कुंडी शेर हिरण दूधी हथनी बंजर शक्कर तवा रोटी तवा भावना तंदूरी रोटी चंद्रशेखर मान गंजाल आदि है तवा नदी नर्मदा की सबसे बड़ी सहायक नदी है मई 2017 में नर्मदा नदी को जीवित नदी का दर्जा प्रदान किया गया है नर्मदा नदी के प्रमुख तटीय नगर जबलपुर महेश्वर मंडला हंडिया होशंगाबाद नरसिंहपुर बड़वाह ओकारेश्वर आदि है नर्मदा नदी की प्रमुख परियोजना इंदिरा सागर पुनासा खंडवा सरदार सरोवर गुजरात ओकारेश्वर खंडवा महेश्वर खरगोन आदि है मेधा पाटकर नर्मदा बचाओ आंदोलन से जुड़ी है नर्मदा नदी पूर्व से पश्चिम की ओर बढते हुए अनूपपुर डिंडोरी मंडला जबलपुर नरसिंहपुर रायसेन सीहोर होशंगाबाद हरदा खंडवा खरगोन धार देवास बड़वानी अलीराजपुर जिलों से गुजरती है नर्मदा बेसिन का मुनाफा 9% हिस्सा मध्य प्रदेश में 6 पॉइंट प्रतिशत हिस्सा गुजरात में एवं 2 पॉइंट 7% महाराष्ट्र में है नमामि देवी नर्मदे नर्मदा सेवा यात्रा 11 दिसंबर 2016 से प्रारंभ 15 मई 2017 को पूर्ण हुई है यात्रा के जरिए नर्मदा नदी के दोनों तटों पर न केवल वृक्षारोपण कर पर्यावरण को बचाया जा रहा है अपितु कारखानों से माल एंजेल को भी नदी में मिलने से रोका जा रहा है

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